कार्तिक पूर्णिमा का सनातन हिदूं धर्म मेंभमहत्व (अनीता )
- इस बार कार्तिक पूर्णिमा 12 नवंबर की हैं कार्तिक मास की पूर्णिमा को कार्तिक पूर्णिमा के नाम से जाना जाता हैं। सनातन
धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का विशेष महत्व माना जाता है। इस दिन शिव जी ने तारकासुर नामक राक्षस का नाश किया था और विष्णु जी ने मतस्य अवतार भी लिया था और गुरुनानक देव जी का जन्मदिवस भी प्रकाश पर्व के रुप में मनाया जाता हैं।
धार्मिक मान्यतिओं के अनुसार इस दिन गंगा स्नान, दीपदान, भगवान की पूजा और दान का विशेष महत्व माना जाता हैं। इससे शुभ फल की प्राप्ति होती हैं। कार्तिक पूर्णिमा के दिन शाम को जल में कच्चा दूध मिलाकर चन्द्रमा को अर्धय देना चाहिए।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पीपल में मां लक्षमी का वास रहता हैं, इस दिन जल में दूध, शहद मिलाकर पीपल पर चढ़ाना चाहिए।एक दीपक भी जलाना चाहिए।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन तुलसी के पौधे के पास पूजा करके एक दीपक जलाना चाहिए।
इस दिन नदी, तालाब पर और अपने घर के बाहर भी दीपक जलाना चाहिए।
इस दिन गंगा स्नान का भी विशेष महत्व माना जाता है अगर कोई गंगा जी नहीं जा सकता उसे घर में ही गंगा जल मिलाकर स्नान करने से भी पूण्य फल की प्राप्ति होती हैं। जय राधे कृष्णा।
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