बाल दिवस पर विशेष (आनीत वर्मा)
देश धर्म के लिए कुर्बान होने वाले गुरु गोविंद सिंह जी के लाड़ले- आज जब हम बालदिवस मनाने जा रहे हैं, तो मेरे जेहन में गुरुगोविंद सिंह जी की याद आ गई जिन्होंने देश, धर्म की रक्षा के लिए अपने पूरे परिवार को न्योछावर कर दिया जिसमें उनके चार प्रिय पुत्र भी थे जिनको इस्लाम कबूल न करने पर जिन्दा दीवार में चुनवा दिया गया, आज क्यों न बालदिवस पर उनकी कुर्बानी को याद किया जाए।
गुरुगोविंद सिंह जी का बलिदान सर्वोपरि और अद्वितीय हैं। क्योंकि गुरु जी ने धर्म की रक्षा के लिए अपने चार पुत्रों अजीत सिंह, जुझार सिंह, जोरावर सिंह और फतेह सिंह को बलिदान कर दिया। बड़े दो पुत्रचमकौर के युद्ध में शहीद हो गये, छोटे दो पुत्र जोरावर सिंह और फतेह सिंह 5 वर्ष और 8 वर्ष की आयु में ही इस्लाम कबूल न करने पर जिंदा दीवार में चिनवा दिया गया। पहले रात भर उनको ठंड़े बुर्ज में रखा गया सुबह वजीर खां के सामने पेश किया गया, वजीर खां ने उन्हें इस्लाम कबूल करने के लिए कहा, इस पर बच्चों ने कहा हमारे दादा जी ने धर्म की रक्षा के लिए अपना सिर कटवा लिया हम मुसलमान कैसे बन सकते हैं।
गुरु गोविंद सिंह जी जैसा महान पिता कोई नहीं जिन्होंने अपने बेटों से कहा जाओ मैदान में दुश्मनों का सामना करों और शहीदी जाम को पिओ।
गुरुगोविंद सिंह जी के पुत्रों के बलिदान को जितना याद किया जाए कम हैं क्योंकि जिस उम्र में बच्चों को किसी चीज की समझ भी नहीं होती उन्होंने देश धर्म के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिये। ऐसे बलिदानियों को मेरा नमन 🙏🏻
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